Monday, July 19, 2010

इंसान का बंटवारा

ईशवर ने हर इंसान को इंसान था बनाया,
बड़े प्यार से इस जहाँ को था सजाया,
किन्तु हम इंसानों ने ये क्या कर डाला,
धर्म और जाती के नाम पर, आज इंसान को ही बाट डाला!

बंटवारा किया ऐसा धरती का की,एक ही देश को दो टूकड़ो में बाँट डाला,
एक तरफ तो हिन्दुस्तान और दूजी और पाकिस्तान बना डाला,
विभिन्य फूलो की जहाँ एक हुआ करती थी माला,
उठते थे हाथ दरगाहों में दुआओं के लिए, बजती थी मंदिरों में घंटिया प्राथनाओं के लिए!

आज इंसानों ने तरक्की कुछ इतनी कर ली, की कई रॉकेट और मिसाइयल बना डालें,
तोड़ने के एक देश को कई हथियार बना डालें, लेकिन जोड़ने की कोई पहल ना कर पाये,
इंसानों का बंटवारा किया ऐसा की आज हर पहचान और रिश्तों को कहीं दूर छोड़ आये !

Saturday, July 17, 2010

{आशाएँ- मेरे सपनो के भारत की}

कल्पना एक ऐसे भारत की करती हूँ मैं अपने मन में ,
अपनापन जिसके जन जन में,खुशाली जिसके कड़-कड़ में,

प्रतिदिन जिसका सोने का हो,चाँदी सी जिसकी हो रातें,
सुख सुविधा की कही कमी ना हो,हर तरफ हो खुशियों की बरसातें!

मानव -मानव के नाते ही,जिसमें पहचाना जाता हो,
मानव से मानव का केवल,मानवता का ही नाता हो,

चाहे वो मानव ,किसी धर्म या किसी प्रांत का वासी हो,
किन्तु मन से सबसे पहले एक सच्चा भारतवासी हो!

कर्त्तव्य निभाने के हो आदि ,जिसके सब रहने वालें हों,
हो नहीं आलसी एक जहाँ,श्रम करके सब जीने वालें हों,

मेरे सपनो के भारत में,हर बचपन को हँसता पाऊं,
कर भ्रष्टाचार को दूर कहीं,सच्चाई की क्रांति ला पाऊं,

मेरे सपनो के भारत में किसी भी इंसान को,खाने पीने का कोई कष्ट ना हो,
हो सच्चा न्याय यहाँ,अधिकारी कोई भ्रष्ट ना हो!

मेरे सपनो का भारत वो जिसमें ऐसा इंसान ना हो ,
जिसके मुख-मंडल पर शोभीत, सिक्षा की मुस्कान ना हो,

मेरे सपनो के भारत में होगा शोषण अन्याय नहीं,
कोई भी गलत तरीके से पैदा करना चाहेगा आय नहीं ,
कितना सुन्दर मेरा भारत है -होगी सबकी बस राये यही !!

Friday, July 16, 2010

विरासत - मेरे भारत की

ज्ञान का भण्डार है मेरा भारत,
विभिन्न संस्कृतियों और सभ्यताओं का पालनहार है मेरा भारत!

हिन्दू भी यहाँ मुस्लिम भी यहाँ ,है सिख और इसाई भी,
है कई उपवन के फूल यहाँ , मिलती है जिनकी परछाई भी !

हैं तरह तरह की भाषाएँ ,जो सबको आकर्षित करती है,
जो मेरे प्यारे भारत की, स्वय आप ही व्याख्या करती हैं !

इतिहास गवाही देता है मेरे भारत के गौरव की ,
था भारत ही वो देश की जिसने शुन्य से, संसार का परिचय करवाया था,
यही वो मिटटी है जिसने अपनी गौद में आर्यभट और सी.वी रमन जैसे हस्तियों को खिलाया था ,
यही वो देश है जहाँ पर शाहजहाँ ने मुमताज़ के लिए सुन्दर ताजमहल बनवाया था !

कश्मीर सा सुंदर स्वर्ग यहाँ पर ,तो कहीं हिमालय की बड़ी पहाड़ियाँ है,
जयपुर के सुंदर महल कहीं , तो कहीं सतपुरा की घनी झाड़ियाँ हैं,
पंजाब में सतलुज बहती है, दिल्ली में यमुना की धारा है,
क्या बात करें शिमला की हम, वहां तो कुदरत का एक अलग ही नज़ारा है,
इतनी विविधिताओं को समेटे ये भारत देश हमारा है !

हर तरह के फूल खिलतें है यहाँ,कितने ही धर्म और सम्प्रदाय मिलतें है यहाँ ,
दीप जलतें है दीवाली में यहाँ , रंगों से खेलतें है होली में यहाँ
दुल्हने विदा होती है डोली में जहाँ

कहाँ मिलती ही ऐसी अनूठी और सुंदर प्रथा ,
ये विरासत है मेरे भारत की ,जो रहेगी जीवित सदा!

Wednesday, July 7, 2010

मेरा देश महान

मेरा देश महान,महान मेरी धरती है,
जिसकी विद्वता का गुडगान में तो क्या, सारी दुनिया करती है!

जाती पाती के भेद- भाव से आगे बढ़ना सिखलाती हैं
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई,सबको मिलकर चलना सिखलाती है !

यही वो पावन धरती है जो वीरो की जन्मदाता है ,
वो और नहीं कोई लोगो ,अपनी ही भारत माता है !

है ज्ञान का भण्डार यहाँ , जाने कितने ही यहाँ निर्माता है,
है सृजन की मातृभूमि ये, हर फूल यहाँ खिल जाता है !

है गुलिंस्ता ये रंग बिरंगे फूलों का ,हर मौसम में जो महकता है
जो आता है एक बार यहाँ, वो यहीं का हो जाता है

इसीलिए तो मेरा देश भारत सबसे महान कहलाता है !